हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय द्वारा अखिल भारतीय थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के अनंतिम आँकड़े पेश किए गए। इसके अनुसार मुद्रास्फीति की वार्षिक दर अगस्त, 2024 (अगस्त, 2023 की तुलना में) के महीने के लिए 1.31% (अनंतिम) है। मंत्रालय के अनुसार अगस्त, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, वस्त्र निर्माण और मशीनरी और उपकरण आदि के निर्माण की कीमतों में वृद्धि के कारण है।
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) क्या है?
- डब्ल्यूपीआई थोक बाजार में मुद्रास्फीति को मापन का तरीका है। इसके द्वारा थोक बाजार में अन्य व्यवसायों को थोक में बेची और कारोबार की जाने वाली वस्तुओं की कीमतों में होने वाले बदलावों को मापा जाता है।
- इसकी गणना और प्रकाशन वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के आर्थिक सलाहकार कार्यालय द्वारा किया जाता है।
- WPI डेटा मासिक रूप से प्रकाशित किया जाता है, जिसमें सूचकांक मूल्य किसी विशिष्ट तिथि के बजाय पूरे महीने के लिए मूल्य स्तर का अनुमान दर्शाता है। इसका उपयोग उद्योगों के विश्लेषण और विनिर्माण क्षेत्र में माँग और आपूर्ति के बीच संबंधों को समझने के लिए किया जाता है।
- WPI में सकारात्मक उछाल अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति के दबाव को दर्शाता है जबकि नकारात्मक डब्ल्यूपीआई का अर्थ है कि मुद्रास्फीति का दबाव नहीं है।
डब्ल्यूपीआई की गणना कैसे की जाती है?
- इसकी गणना वस्तुओं की एक टोकरी की कीमतों का भारित औसत लेकर की जाती है, जिसमें प्रत्येक वस्तु का वजन कुल थोक बिक्री के उसके हिस्से से निर्धारित होता है। वस्तुओं की टोकरी में तीन प्रमुख समूह शामिल हैं: प्राथमिक वस्तुएँ (वजन 22.62%) ईंधन और बिजली (वजन 13.15%) एवं विनिर्मित उत्पाद (वजन 64.23%)।
- डब्ल्यूपीआई का आधार वर्ष है – अप्रैल 2017 WPI की नई श्रृंखला के लिए आधार वर्ष को 2004-05 से 2011-12 कर दिया गया है
- बात दें कि WPI की 2011-12 श्रृंखला के तहत कुल 697 वस्तुओं की कीमतों पर नज़र रखी जाती है, जिसमें 117 प्राथमिक वस्तुएँ, ईंधन और बिजली की 16 वस्तुएँ और 564 विनिर्मित उत्पाद शामिल हैं। प्राथमिक वस्तुओं के कुछ उदाहरण हैं दाल, सब्जी, चावल आदि। वहीं कपड़े, वनस्पति तेल आदि विनिर्मित उत्पाद के तहत आते हैं जबकि पेट्रोल, एलपीजी आदि ईंधन में शामिल हैं। डब्ल्यूपीआई बास्केट में सेवाओं को शामिल नहीं किया जाता है और इसकी गणना केवल वस्तुओं तक ही सीमित है।
- WPI का उपयोग कुछ अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति के मुख्य उपाय के रूप में किया जाता है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अब इसका उपयोग नीतिगत उद्देश्यों के लिए नहीं करता है। RBI वर्तमान में मौद्रिक और ऋण नीति निर्धारित करने के लिए मुद्रास्फीति के मुख्य उपाय के रूप में CPI या खुदरा मुद्रास्फीति का उपयोग करता है।
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