प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के बारे में जानें!

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हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी दी है। यह योजना जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों के लिए परिपूर्णता लक्ष्य को अपनाकर जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु शुरू की गयी है।

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प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान योजना के बारे में-

इसके लिये 79,156 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्सा: 56,333 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सा: 22,823 करोड़ रुपये) के कुल परिव्यय की घोषणा की गई है। योजना के तहत इसमें लगभग 63,000 गांव शामिल होंगे, जिससे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ होगा। इसमें 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय बहुल 549 जिले और 2,740 ब्लॉक के गांव शामिल होंगे।

योजना के अनुसार इस मिशन में 25 कार्यक्रम शामिल हैं, जिन्हें 17 मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। प्रत्येक मंत्रालय/विभाग अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत उन्हें आवंटित धनराशि के माध्यम से अगले 5 वर्षों में समयबद्ध तरीके से इससे संबंधित योजना के कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी होगा।

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प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान योजना के लक्ष्य-

प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान योजना के लक्ष्य निम्नलिखित हैं-

  • सक्षम बुनियादी ढांचे का विकास
  • आर्थिक सशक्तिकरण (कौशल विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा)
  • सभी की अच्छी शिक्षा तक पहुँच
  • स्वस्थ जीवन और सम्मानजनक वृद्धावस्था

इसके अलावा सभी सम्बद्ध मंत्रालयों के लिये भी अलग अलग लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं। जैसे कि इसके तहत शहरी विकास मंत्रालय द्वारा 20 लाख घरों के निर्माण के साथ ही और 25000 किलोमीटर ग्रामीण सड़क भी बनाया जाएगा।

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बता दें कि इस अभियान के तहत शामिल जनजातीय गांवों को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर मैप किया जाएगा और संबंधित विभाग अपनी योजना के अनुसार आवश्यकताओं के अंतरों का पता लगाएंगे। इतना ही नहीं पीएम गति शक्ति प्लेटफॉर्म पर भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी की जाएगी और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। इससे सकारात्मक प्रतियोगिता को बढ़ावा मिलेगा। कुल मिलाकर कहा जाए तो प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम योजना सहकारी संघवाद का अनूठा उदाहरण है जहां सरकार पूरी तरह से जन कल्याण के लिए मिलकर काम करती है और इस प्रयास में समन्वय और पहुँच को प्राथमिकता दी जाती है।


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