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चर्चा में क्यों
हाल ही में arachnologists की एक टीम ने jumping spiders के एक नये वंश (genus) ‘तेनकाना’ की खोज की है। इसके साथ ही खोजकर्ताओं की टीम ने कर्नाटक से एक नई प्रजाति, तेनकाना जयामंगली (Tenkana jayamangali) को भी खोजा है। इस प्रजाति का नाम पास की जयामंगली नदी के नाम पर रखा गया है। तेनकाना genus की प्रजाति पूरे दक्षिण भारत में पाई जाती है, जिसमें पहले से ज्ञात दो प्रजातियाँ शामिल हैं। पहले से ज्ञात ये दो प्रजातियाँ, तेनकाना मनु (दक्षिण भारत और श्रीलंका) और तेनकाना अर्कावथी (कर्नाटक) हैं। ये प्रजातियाँ पहले कोलोपसस वंश (Colopsus genus) में शामिल थीं, लेकिन अब इन्हें तेनकाना में स्थानांतरित कर दिया गया है। गौरतलब है कि तेनकाना मनु प्रजाति का नाम मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. मनु थॉमस के नाम पर रखा गया था।
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तेनकाना वंश के बारे में (About Tenkana Genus)
तेनकाना नाम कन्नड़ भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ दक्षिण होता है। यह नाम भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिणी भाग में पाई जाने वाली प्रजाति की सभी ज्ञात प्रजातियों को मान्यता देता है। खोजकर्ताओं के अनुसार यह नया समूह जंपिंग स्पाइडर की प्लेक्सिपिना (Plexippina) उप-जनजाति से संबंधित है और हाइलस (Hyllus) और टेलामोनिया (Telamonia) जैसे संबंधित समूहों से अलग है। जंगलों में रहने वाली संबंधित मकड़ियों के विपरीत, तेनकाना प्रजातियाँ तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पुडुचेरी के शुष्क स्थलीय आवासों में पाई जाती हैं।
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तेनकाना जयामंगली के बारे में (About Tenkana Jayamangali)
तेनकाना जयामंगली के नर में, हल्के बाल कारपेट की सतह के अधिकांश क्षेत्र पर कब्जा कर लेते हैं, जिससे पीछे की ओर छोटे गंजे पैच रह जाते हैं। जबकि तेनकाना अर्कावथी और तेनकाना मनु में कारपेट पर हल्के बाल होते हैं, जो कारपेट पर पार्श्व में संकरी पट्टियाँ बनाते हैं और पीछे की ओर पतले होते हैं। तेनकाना जयामंगली का नेत्र क्षेत्र समान रूप से सफेद बालों से ढका होता है, जबकि तेनकाना अर्कावथी में विशिष्ट वी-आकार की पट्टियाँ होती हैं और तेनकाना मनु में गंजा नेत्र क्षेत्र होता है।
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जंपिंग स्पाइडर के बारे में (About Jumping Spiders)
जंपिंग स्पाइडर (कूदने वाला मकड़ा) साल्टिसिडी (Salticidae) परिवार से संबंधित होते हैं। इनकी पहचान उनकी बेहतर दृष्टि और फुर्तीली गति के लिए होती है। ये मकड़े अपने शिकार को पकड़ने या शिकारियों से बचने के लिए लंबी छलांग लगाने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं। ये अपने पैरों में रक्तचाप बढ़ाकर छलांग लगाते हैं। अधिकांश मकड़ों की तरह ये जाल बुनकर शिकार नहीं करते, बल्कि अपनी तेज दृष्टि का उपयोग करके कीड़ों का शिकार करते हैं। इनके पास आठ आँखें होती हैं, जिनमें सामने की बड़ी केंद्रीय आँखें इन्हें बहुत तेज दृष्टि प्रदान करती हैं। इससे ये अपने शिकार को सटीकता से पहचान और पीछा कर सकते हैं। जंपिंग स्पाइडर विभिन्न प्रकार के वातावरण में पाए जाते हैं, जैसे जंगल, घास के मैदान और यहाँ तक कि मानव आवासों में भी। इनके रंग और पैटर्न विभिन्न प्रकार के होते हैं, और कुछ प्रजातियों में चमकीले रंग होते हैं, जिन्हें वे आमतौर पर प्रजनन के दौरान दिखाते हैं।
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