हाल ही में भारत औपचारिक रूप से खनिज सुरक्षा वित्त नेटवर्क (Minerals Security Finance Network) का हिस्सा बन गया है, जो अमेरिका के नेतृत्व वाली एक पहल है। इस पहल का उद्देश्य महत्वपूर्ण खनिजों (Minerals) के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने के लिए सदस्यों के बीच सहयोग को मजबूत करना है।
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खनिज सुरक्षा वित्त नेटवर्क (Minerals Security Finance Network) के बारे में-
खनिज सुरक्षा वित्त नेटवर्क (Minerals Security Finance Network) खनिज सुरक्षा भागीदारी (MSP) से उभरने वाली एक नई पहल है, जो 2022 में अमेरिका द्वारा स्थापित के तहत एक रूपरेखा है। खनिज सुरक्षा वित्त नेटवर्क (MSFN) का उद्देश्य खनिज क्षेत्र में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और यूरोप के संस्थानों को एक साथ लाना, सहयोग, सूचना विनिमय और सह-वित्तपोषण को बढ़ावा देना है। खनिज सुरक्षा वित्त नेटवर्क भाग लेने वाले देशों से डीएफआई (विकास वित्त संस्थान) और ईसीए (निर्यात ऋण एजेंसियों) को “तालमेल बनाने और प्रभाव बढ़ाने” के लिए एक साथ लाती है।
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खनिज सुरक्षा भागीदारी (MSP) के बारे में-
- खनिज सुरक्षा भागीदारी (MSP) 14 देशों का अमेरिका के नेतृत्व वाला सहयोग है जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं में सार्वजनिक और निजी निवेश को उत्प्रेरित करना है।
- खनिज सुरक्षा भागीदारी (MSP) एक अमेरिकी नेतृत्व वाला सहयोग है जो कोबाल्ट, निकल, लिथियम जैसे खनिजों और 17 ‘दुर्लभ पृथ्वी’ खनिजों की आपूर्ति श्रृंखलाओं पर ध्यान केंद्रित करता है.
- खनिज सुरक्षा भागीदारी (MSP) के सदस्य देशों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, नॉर्वे, स्वीडन, यूके, यू.एस. और ईयू शामिल हैं। भारत को 2023 में MSP में शामिल किया गया था।
- खनिज सुरक्षा भागीदारी (MSP) चार प्रमुख महत्वपूर्ण खनिज चुनौतियों को सीधे संबोधित करता है:
- वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाना और उन्हें स्थिर बनाना;
- उन आपूर्ति श्रृंखलाओं में निवेश;
- खनन, प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण क्षेत्रों में उच्च पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन मानकों को बढ़ावा देना; और
- महत्वपूर्ण खनिजों के पुनर्चक्रण को बढ़ाना।
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