केंद्रीय बजट (Union Budget) 2025-26: मुख्य घोषणाएँ, कर राहत, कृषि और विकास योजनाएँ

summary of union budget 2025-26 UPSC

केंद्रीय बजट (Union Budget) 2025-2026

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को आम बजट/केंद्रीय बजट (Union Budget) 2025-2026 पेश किया, जिसमें मध्यम वर्ग, किसानों और अन्य वर्गों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं। इस बजट में आयकर में राहत, राज्यों को ब्याज-मुक्त ऋण और किसानों के लिए प्रधानमंत्री धन धान्य योजना का प्रस्ताव शामिल है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि नया और सरल आयकर विधेयक अगले हफ्ते पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि निर्मला सीतारमण वे लगातार आठ बार केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री बन गई हैं। केंद्रीय बजट (Union Budget) 2025 की थीम- ‘सबका विकास’ को साकार करना, सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास को प्रोत्साहित करना। इस बजट का उद्देश्य 6 क्षेत्रों में परिवर्तनकारी सुधार शुरू करना है- कराधान; बिजली क्षेत्र; शहरी विकास; खनन; वित्तीय क्षेत्र और नियामक सुधार।

केंद्रीय बजट (Union Budget) 2025 के अहम बिंदु

1. आयकर में राहत

केंद्रीय बजट 2025-26 (Union Budget 2025-2026) में 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा। इसके बाद की आय पर क्रमशः 20%, 25% और 30% टैक्स लगेगा। यह निर्णय मध्यम वर्ग को राहत देने के उद्देश्य से लिया गया है। अब 16 से 20 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 20% टैक्स, 20 से 24 लाख रुपये की कमाई पर 25% टैक्स और 24 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई पर 30% टैक्स देना होगा। इसके अलावा, अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की समय सीमा को 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है, जिससे करदाताओं को अपने पुराने रिटर्न सुधारने का ज्यादा मौका मिलेगा। सीनियर सिटीजंस के लिए भी राहत भरी खबर है। अब ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स छूट की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है. इसके अलावा, स्टार्टअप्स को टैक्स छूट का फायदा उठाने के लिए रजिस्ट्रेशन की समय सीमा 5 साल और बढ़ा दी गई है।

संशोधित आयकर स्लैब (Revised income tax slab)

आय (Income)कर (Tax)
0-4 लाखशून्य
4-8 लाख5%
8-12 लाख10%
12-16 लाख15%
16-20 लाख20%
20-24 लाख25%
24 लाख से ऊपर30%

    2. प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना

    किसानों के लिए प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना की घोषणा की गई है, जिसके तहत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह कार्यक्रम आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरित है जिसे 2018 में “देश भर के 112 सबसे कम विकसित जिलों को तेज़ी से और प्रभावी ढंग से बदलने” के लिए लॉन्च किया गया था। प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करेगी और राज्यों के साथ साझेदारी में शुरू की जाएगी। यह कम उत्पादकता, मध्यम फसल तीव्रता और औसत से कम मापदंडों वाले 100 जिलों को कवर करेगी। यह योजना किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

    3. बिहार के लिए योजनाएँ

    बिहार के लिए एक नया मखाना बोर्ड, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की घोषणा की गई। इनके अलावा, पटना हवाई अड्डे के विस्तार के अलावा ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा मिथिलांचल में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना की भी घोषणा की गई।

    मखाना बोर्ड, मखाना किसानों को सहायता और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करेगा और यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम करेगा कि उन्हें सभी प्रासंगिक सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।

    4. राज्यों को ब्याज-मुक्त ऋण

    राज्यों को विकास परियोजनाओं के लिए ब्याज-मुक्त ऋण देने का प्रस्ताव है, जिससे राज्यों में बुनियादी ढाँचे का विकास हो सकेगा और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए राज्यों को 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

    5. MSME के लिए क्रेडिट गारंटी कवर बढ़ाया गया

    सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) दूसरा महत्त्वपूर्ण विकास इंजन है जिसमें विनिर्माण और सेवाएँ शामिल हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने बजट भाषण में उल्लेख किया कि वर्तमान में, विनिर्माण का 36% उत्पादन करने वाले 1 करोड़ से अधिक पंजीकृत MSME भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए एक साथ आए हैं।

    MSME के लिए निवेश सीमा वर्गीकरण 2.5 गुना बढ़ाया जाएगा। ऋण तक पहुंच में सुधार करने के लिए, क्रेडिट गारंटी कवर बढ़ाया जाएगा, जिससे अगले पांच वर्षों में ₹1.5 लाख करोड़ का अतिरिक्त ऋण मिलेगा। यह अच्छी तरह से चलने वाले निर्यातक MSME के लिए ₹20 करोड़ तक के टर्म लोन के लिए भी दिया जाएगा।

    पहली बार उद्यम करने वाली अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की 5 लाख महिलाओं के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत अगले 5 वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना में सफल स्टैंड-अप इंडिया योजना से सीख ली जाएगी। उद्यमिता और प्रबंधकीय कौशल के लिए ऑनलाइन क्षमता निर्माण का भी आयोजन किया जाएगा।

    मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाने के लिए छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों के लिए एक राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन शुरू किया जाएगा।

    6. अवसंरचना के क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public Private Partnership: PPP)

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव किया है कि अवसंरचना से जुड़ा प्रत्येक मंत्रालय 3 वर्ष पाइपलाइन वाली परियोजनाओं को लाएगा, जिन्हें PPP मोड में कार्यान्वित किया जा सके। राज्यों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और वे पीपीपी प्रस्तावों को तैयार करने के लिए भारत अवसंरचना परियोजना विकास निधि (IIPDF) स्कीम से सहायता ले सकते हैं।

    7. गिग कर्मियों (Gig Workers) के लिए बीमा

    ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वर्कर्स और गिग वर्कर्स को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के बाद आईडी कार्ड मिलेंगे। उन्हें पीएम जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी। इस उपाय से लगभग 1 करोड़ गिग-वर्कर्स को सहायता मिलने की संभावना है। शहरी श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक योजना शुरू करने की घोषणा भी की गई है।

    8. जल जीवन मिशन को बढ़ाया गया

    जल जीवन मिशन बजट में वृद्धि के साथ 2028 तक बढ़ा दिया गया है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य सभी ग्रामीण घरों में  नल से जल कनेक्शन अर्थात् घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। जल जीवन मिशन के तहत, 15 करोड़ घरों को पीने योग्य नल के पानी के कनेक्शन तक पहुँच प्रदान की गई है। ये घर भारत की 80% ग्रामीण आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

    9. ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन का निर्माण

    वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों के साथ साझेदारी में एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ‘ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन’ कार्यक्रम (‘Rural Prosperity and Resilience’ programme) शुरू किया जाएगा। यह कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के माध्यम से कृषि में बेरोजगारी को संबोधित करेगा। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा करना है ताकि प्रवास एक विकल्प हो, लेकिन एक आवश्यकता न हो। साथ ही यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत और छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों पर ध्यान केंद्रित करेगा।

    10. कपास उत्पादकता के लिए मिशन

    केंद्रीय बजट (Union Budget) 2025-26 में ‘कपास उत्पादकता के लिए मिशन’ की घोषणा की गई है। इससे लाखों कपास उत्पादक किसानों को लाभ मिलेगा। यह 5-वर्षीय मिशन होगा। इससे कपास की खेती की उत्पादकता और स्थिरता में महत्त्वपूर्ण सुधार लाया जाएगा, और अतिरिक्त-लंबे स्टेपल कपास की किस्मों को बढ़ावा मिलेगा। इसमें किसानों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी से सपोर्ट किया जाएगा। कपड़ा क्षेत्र के लिए एकीकृत 5F विज़न के साथ संरेखित, यह किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा और भारत के पारंपरिक कपड़ा क्षेत्र को फिर से जीवंत करने के लिए गुणवत्ता वाले कपास की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।

    11. अन्य घोषणाएँ

    केंद्रीय बजट 2025-26 (Union Budget 2025-26) में स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में सुधार के लिए मेडिकल उपकरणों पर जीएसटी घटाने का प्रस्ताव भी शामिल है। वर्ष 2021 में घोषित प्रथम परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना की सफलता को आगे बढ़ाते हुए, नई परियोजनाओं में 10 लाख करोड़ रूपए की पूंजी निवेश के लिए वर्ष 2025-30 हेतु द्वित्तीय परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना को शुरू किया जाएगा। इस योजना को सहायता प्रदान करने के लिए विनियामक और राजकोषीय उपायों को सुसंगत बनाया जाएगा। केंद्रीय बजट (Union Budget )में शिक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की गई है। इसके अलावा, रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए होमबायर्स को अधिक टैक्स बेनिफिट्स दिए जाने की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कई चीजों को सस्ता करने का ऐलान किया है। उन्होंने इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर टैक्स कम किया है, जिससे इन्हें खरीदना सस्ता होगा। इसके अलावा, मोबाइल, बैटरी, कपड़े, कैंसर की 36 दवाएं, लेदर जैकेट और कई इलेक्ट्रिक सामान भी अब पहले से सस्ते मिलेंगे।

    केंद्रीय बजट 2025-26 का आर्थिक दृष्टिकोण

    विश्लेषकों का मानना है कि इस केंद्रीय बजट (Union Budget) 2025-26 का उद्देश्य आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना और उपभोक्ता खर्च को प्रोत्साहित करना है। इससे देश की जीडीपी वृद्धि दर में सुधार की उम्मीद है, जो वर्तमान में धीमी गति से चल रही है।

    निष्कर्ष

    बजट 2025-26 ने मध्यम वर्ग और किसानों के लिए कई राहत प्रदान की हैं, जो कि देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होंगी। यह बजट न केवल वित्तीय स्थिरता बल्कि सामाजिक कल्याण को भी ध्यान में रखता है।

    यह भी पढ़ें: Economic Survey 2024-25: भारत की आर्थिक स्थिति और भविष्य की नीतियाँ

    बजट भाषण की PDF के लिये क्लिक करें- बजट भाषण डाउनलोड करें


    केंद्रीय बजट 2025-26 के अहम बिंदुओॆ का सार (Summary of key points of Union Budget 2025-26)

    1. आयकर में राहत

    • 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा।
    • 16 से 20 लाख रुपये की आय पर 20%, 20 से 24 लाख रुपये पर 25% और 24 लाख रुपये से अधिक आय पर 30% टैक्स।
    • अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की समय सीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दी गई।
    • वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर कर छूट की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई।
    • स्टार्टअप्स के लिए कर छूट की अवधि 5 साल और बढ़ाई गई।

    2. प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना

    • किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इस योजना की घोषणा की गई।
    • यह योजना 100 जिलों को कवर करेगी, जहाँ कृषि उत्पादकता कम है।
    • राज्यों के सहयोग से मौजूदा योजनाओं को एकीकृत किया जाएगा।

    3. बिहार के लिए विशेष योजनाएँ

    • बिहार में मखाना बोर्ड और राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान की स्थापना।
    • पटना हवाई अड्डे के विस्तार के साथ ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को भी जोड़ा जाएगा।
    • पश्चिमी कोसी नहर परियोजना की घोषणा।

    4. राज्यों को ब्याज-मुक्त ऋण

    • राज्यों को 50 वर्ष के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण दिया जाएगा।
    • इसका उद्देश्य बुनियादी ढाँचे के विकास और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि करना है।

    5. MSME के लिए क्रेडिट गारंटी

    • MSME के लिए निवेश सीमा को 2.5 गुना बढ़ाया जाएगा।
    • अतिरिक्त ₹1.5 लाख करोड़ का ऋण उपलब्ध होगा।
    • अनुसूचित जाति और जनजाति की 5 लाख महिलाओं को 2 करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण मिलेगा।

    6. अवसंरचना में PPP मॉडल

    • प्रत्येक मंत्रालय को आगामी 3 वर्षों की पाइपलाइन वाली परियोजनाओं को PPP मोड में कार्यान्वित करने का निर्देश।
    • राज्यों को भारत अवसंरचना परियोजना विकास निधि (IIPDF) से सहायता मिलेगी।

    7. गिग वर्कर्स के लिए बीमा

    • गिग वर्कर्स को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के बाद आईडी कार्ड मिलेगा।
    • उन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाएँ दी जाएँगी।
    • लगभग 1 करोड़ गिग वर्कर्स को इसका लाभ मिलेगा।

    8. जल जीवन मिशन का विस्तार

    • जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाया गया।
    • 15 करोड़ ग्रामीण घरों को नल से जल कनेक्शन प्रदान किया जाएगा।

    9. ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम

    • राज्यों के सहयोग से ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन’ कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
    • कौशल विकास, निवेश और टेक्नोलॉजी के माध्यम से कृषि क्षेत्र में बेरोजगारी कम करने का लक्ष्य।

    10. कपास उत्पादकता मिशन

    • 5 वर्षीय मिशन की घोषणा, जिससे कपास उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार होगा।
    • अतिरिक्त-लंबे स्टेपल कपास की खेती को बढ़ावा मिलेगा।

    11. अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएँ

    • मेडिकल उपकरणों पर GST में कमी
    • 10 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना।
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना।
    • रियल एस्टेट में होमबायर्स के लिए अधिक कर लाभ।
    • इलेक्ट्रिक गाड़ियों, मोबाइल, बैटरी, कपड़े और कई अन्य वस्तुओं पर कर में कटौती।

    आर्थिक दृष्टिकोण

    • बजट का उद्देश्य आर्थिक विकास और उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देना है।
    • इससे देश की GDP वृद्धि दर में सुधार होने की उम्मीद है।

    निष्कर्ष

    केंद्रीय बजट 2025-26 में मध्यम वर्ग, किसानों और उद्यमियों को विशेष राहत प्रदान की गई है। यह बजट न केवल वित्तीय स्थिरता बल्कि सामाजिक कल्याण और देश के समग्र विकास को भी ध्यान में रखता है।


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