क्या है बायो-राइड योजना? Know everything about Bio-RIDE scheme UPSC

Bio-RIDE scheme UPSC

हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने Bio-RIDE योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है। यह योजना जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की दो प्रमुख योजनाओं बायोमैन्यूफैक्चरिंग एवं बायोफाउंड्री के विलय से शुरू मिलाते हुए है। योजना का पूरा नाम ‘जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान नवाचार और उद्यमिता विकास (बायो-राइड)’ है।

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बायो-राइड योजना के बारे में-

योजना का पूरा नाम ‘जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान नवाचार और उद्यमिता विकास (बायो-राइड)’ है। इस योजना के तीन व्यापक घटक हैं:

  • जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी);
  • औद्योगिक एवं उद्यमिता विकास (आई एंड ईडी)
  • बायोमैन्यूफैक्चरिंग एवं बायोफाउंड्री

15वें वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 के दौरान इस एकीकृत योजना ‘बायो-राइड’ को कार्यान्वित किया जाएगा। इसके कार्यान्वयन हेतु 9197 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।

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बायो-राइड योजना के उद्देश्य क्या हैं?

बायो-राइड योजना को नवाचार को बढ़ावा देने, जैव-उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और जैव-विनिर्माण (बायोमैन्यूफैक्चरिंग) एवं जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देश के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस योजना के उद्देश्य हैं –

  • जैव-उद्यमिता को बढ़ावा: बायो-राइड जैव-उद्यमियों को सीड फंडिंग, इनक्यूबेशन सपोर्ट और मेंटरशिप प्रदान करके स्टार्टअप के लिए एक समृद्ध इकोसिस्टम को विकसित करेगा।
  • उन्नत नवाचार: यह योजना सिंथेटिक बायोलॉजी, बायोफार्मास्यूटिकल्स, बायोएनर्जी और बायोप्लास्टिक्स जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास के लिए अनुदान और प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
  • सुगम उद्योग-अकादमिक सहयोग: बायो-राइड जैव-आधारित उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण में तेजी लाने हेतु शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान संगठनों और उद्योग जगत के बीच तालमेल बनाएगा।
  • टिकाऊ बायोमैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहन: योजना के तहत भारत के हरित लक्ष्यों के अनुरूप, बायोमैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया जाएगा।

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  • बाह्य वित्त पोषण (एक्स्ट्रामुरल फंडिंग) के जरिए शोधकर्ताओं का समर्थन: बायो-राइड कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, जैव ऊर्जा और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों और व्यक्तिगत शोधकर्ताओं को बाह्य वित्त पोषण (एक्स्ट्रामुरल फंडिंग) का समर्थन करता है, जिससे शोध को बढ़ावा मिलेगा।
  • जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मानव संसाधन का पोषण: बायो-राइड जैव प्रौद्योगिकी के बहु-विषयक क्षेत्रों में काम करने वाले छात्रों, युवा शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को समग्र विकास की सुविधा एवं सहायता भी प्रदान करेगा।

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इसके अलावा, देश में चक्रीय जैव-अर्थव्यवस्था (सर्कुलर-बायोइकोनॉमी) को सक्षम बनाने हेतु ‘लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट (लाइफ)’ के अनुरूप इसकी शुरुआत की गयी है, जिससे 2030 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर की जैव-अर्थव्यवस्था (बायोइकोनॉमी) बनाना संभव होगा।

बता दें कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), जैव प्रौद्योगिकी और आधुनिक जीव विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता तथा नवाचार पर आधारित खोज, अनुसंधान और उद्यमिता को बढ़ावा देता है।


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