Modi’s US Visit 2025: क्या हुईं मुख्य बातें और प्रमुख समझौते

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Modi’s US Visit 2025: मुख्य बातें और प्रमुख समझौते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 से 13 फरवरी, 2025 तक अमेरिका की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा की। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक द्विपक्षीय बैठक की। इसमें दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक मजबूत करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए। बैठक में रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, आतंकवाद और वैश्विक भू-राजनीति जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के बाद, दोनों नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता में भारत-अमेरिका संबंधों को और अधिक मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने उल्लेख किया कि उन्होंने व्यापार, प्रौद्योगिकी, टैरिफ, तेल और गैस, और रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया है। इस ऐतिहासिक बैठक के परिणामस्वरूप कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं, जिनका आने वाले वर्षों में भारत-अमेरिका संबंधों पर स्पष्ट प्रभाव पड़ेगा। यह मुलाकात न केवल दोनों नेताओं के व्यक्तिगत संबंधों को दर्शाती है, बल्कि भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को भी उजागर करती है।

Modi's US Visit 2025: What were the main points and major agreements

रक्षा साझेदारी: भारत को मिलेगा F-35 स्टील्थ फाइटर जेट

बैठक का एक महत्त्वपूर्ण पहलू रक्षा सहयोग था। बैठक में, राष्ट्रपति ट्रम्प ने घोषणा की कि अमेरिका 2025 से भारत को सैन्य उपकरणों की बिक्री में वृद्धि करेगा। इसमें F-35 फाइटर जेट्स की संभावित आपूर्ति भी शामिल है, जो भारत की रक्षा क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकता है। ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका भारत को अत्याधुनिक F-35 जेट हासिल करने का “मार्ग प्रशस्त” कर रहा है। हालाँकि, उन्होंने कोई निश्चित समय-सीमा नहीं बताई, क्योंकि विदेशी सैन्य बिक्री में जटिल प्रक्रियाएं होती हैं और विशेष रूप से F-35 जैसी उन्नत तकनीक के लिए, ऐसे सौदों को अंतिम रूप देने में वर्षों लग सकते हैं। यह सौदा भारत की वायु सेना के आधुनिकीकरण में एक क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है और भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा। F-35 फाइटर जेट को पूरी दुनिया में सबसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान माना जाता है।

India will get F-35 stealth fighter jet

आर्थिक संबंध: व्यापार समझौते की दिशा में

आर्थिक सहयोग को लेकर भी दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण चर्चा की। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारत को ऊर्जा बेचेगा और दोनों देश एक व्यापार समझौते की दिशा में आगे बढ़ेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार घाटे को कम करने के लिए भारत अमेरिकी तेल और गैस के आयात में वृद्धि करेगा। राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका के विशाल तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) भंडार का उल्लेख किया और कहा कि इससे भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस वार्ता के दौरान यह स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर 500 बिलियन डॉलर तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की टीमें इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द ही अंतिम रूप देंगी। उन्होंने कहा कि “भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, हम तेल और गैस के व्यापार पर ध्यान केंद्रित करेंगे। ऊर्जा अवसंरचना में निवेश परमाणु ऊर्जा में भी बढ़ेगा। हमने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों पर सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की।”

ट्रम्प ने भी परमाणु सहयोग की बात की। उन्होंने कहा कि अमेरिकी परमाणु उद्योग के लिए अभूतपूर्व विकास में भारत भी अपने यहाँ अमेरिकी परमाणु प्रौद्योगिकी के लिए कानूनों में सुधार कर रहा है, जो कि उच्चतम स्तर पर है। इससे लाखों भारतीयों को सुरक्षित, स्वच्छ और सस्ती बिजली मिलेगी और भारत में अमेरिकी नागरिक परमाणु उद्योग को अरबों डॉलर का लाभ होगा।

India America Economic Relations

व्यापार और शुल्क: निष्पक्षता और संतुलन की ओर कदम

व्यापार और टैरिफ के मुद्दे पर चर्चा करते हुए ट्रंप ने भारत द्वारा कई टैरिफ कम किए जाने के फैसले की सराहना की, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भारत से अपने व्यापार घाटे को कम करने के लिए और ठोस कदम उठाने की अपेक्षा करता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वर्तमान में कई अमेरिकी उत्पादों पर भारत में 30% से 70% तक के टैरिफ हैं, जिनमें अमेरिकी कारों पर 70% तक का शुल्क शामिल है। उन्होंने इस असंतुलन को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि दोनों देशों को व्यापार घाटे को कम करने के लिए जल्द से जल्द एक नई व्यापार संधि पर सहमति बनानी चाहिए।

ट्रम्प ने अपने प्रशासन को कई व्यापारिक साझेदारों पर पारस्परिक शुल्क लगाने पर विचार करने का निर्देश दिया है, जिसका उद्देश्य व्यापार संबंधों को फिर से संतुलित करना है। ऐसे में भारत, इन पारस्परिक शुल्कों से काफी प्रभावित हो सकता है।

Trump praises India's decision to reduce several tariffs

आतंकवाद पर संयुक्त मोर्चा: तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण मंजूर

आतंकवाद के मुद्दे पर भी दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए। राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की कि 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत को सौंपने की मंजूरी दे दी गई है। यह फैसला भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है, क्योंकि लंबे समय से भारत राणा के प्रत्यर्पण की माँग कर रहा था। मोदी ने इस निर्णय के लिए ट्रंप को धन्यवाद दिया और कहा कि दोनों देश सीमा-पार आतंकवाद के खात्मे के लिए मिलकर काम करेंगे। भारत और अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ सूचना साझा करने और खुफिया सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।

India-US counter-terrorism cooperation

इंडो-पैसिफिक रणनीति: चीन पर सख्त रुख और क्वाड का विस्तार

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए भारत और अमेरिका ने क्वाड (Quad) समूह को मजबूत करने पर चर्चा की। ट्रंप ने कहा कि हम इंडो पैसिफिक में शांति, स्थिरता और समृद्धि बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे, इसमें क्वाड की विशेष भूमिका होगी। इस साल भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान, हम अपने साझेदार देशों के साथ नए क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करेंगे। साथ ही ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी झड़पें चिंता का विषय हैं और यदि आवश्यक हुआ, तो अमेरिका इसमें मध्यस्थता करने के लिए तैयार है

प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस क्षेत्र में भारत की सक्रिय भूमिका को रेखांकित किया और अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) और I2U2 गठबंधन का भी उल्लेख किया, जो वैश्विक व्यापार मार्गों को नया रूप देने के लिए बनाया गया है।

ट्रंप ने कहा, “हम इतिहास के सबसे महान व्यापार मार्गों में से एक बनाने में मदद करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं। यह भारत से इजरायल, इटली और फिर संयुक्त राज्य अमेरिका तक जाएगा, जो हमारे भागीदारों को बंदरगाहों, रेलवे और समुद्र के नीचे केबल (Undersea cable) से जोड़ेगा।

Strategies for India-US Cooperation

अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी सहयोग

अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी सहयोग को लेकर भी दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), सेमीकंडक्टर, क्वांटम टेक्नोलॉजी और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे। दोनों देशों ने “TRUST” फ्रेमवर्क पर सहमति जताई, जिसका उद्देश्य रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, इसरो और नासा के संयुक्त मिशन निसार (NISAR) उपग्रह को जल्द ही लॉन्च करने की घोषणा की गई। साथ ही, भारत और अमेरिका ने महत्वपूर्ण खनिजों जैसे लिथियम और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की आपूर्ति श्रृंखला को विकसित करने पर भी सहमति जताई।

India-USA Space and Technology Cooperation

रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक शांति प्रयास

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर भी चर्चा हुई, जिसमें मोदी ने दोहराया कि भारत शांति के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि यह युद्ध केवल राजनयिक संवाद और शांति वार्ता के माध्यम से ही समाप्त हो सकता है, और भारत इस दिशा में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इस पर सहमति जताई और कहा कि भारत इस संघर्ष को समाप्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने चीन से भी आग्रह किया कि वह इस युद्ध को समाप्त करने में योगदान दे।

Russia–Ukraine war and global peace efforts

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस बैठक में भारत-अमेरिका संबंधों के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई और कई ऐतिहासिक घोषणाएँ की गईं। यह बैठक दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नए आयाम देने का संकेत देती है। आने वाले वर्षों में, इस सहयोग से सुरक्षा, व्यापार, ऊर्जा और कूटनीति के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। इस मुलाकात से यह स्पष्ट होता है कि भारत और अमेरिका आने वाले समय में वैश्विक मंच पर एक सशक्त और प्रभावशाली साझेदारी की दिशा में बढ़ रहे हैं।


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