PM Modi’s France visit 2025: AI समिट और रणनीतिक डील! UPSC

PM Modi France visit 2025

PM Modi’s France visit 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। वे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर फ्रांस गए हैं। यह यात्रा सिर्फ एक औपचारिक राजनयिक दौरा नहीं, बल्कि भारत-फ्रांस संबंधों के भविष्य की दिशा तय करने वाला महत्त्वपूर्ण अवसर है। इस यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रक्षा सहयोग, असैन्य परमाणु ऊर्जा, व्यापार, नवाचार और वैश्विक कूटनीति जैसे विषय प्रमुख हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) पर सहयोग

अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट के तीसरे संस्करण की सह-अध्यक्षता करेंगे। इसका लक्ष्य यह पता लगाना है कि एआई वैश्विक प्रगति को कैसे आगे बढ़ा सकता है और सार्वजनिक भलाई में योगदान दे सकता है। यह समिट केवल तकनीकी नवाचार पर चर्चा करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य AI के नैतिक उपयोग, जोखिम प्रबंधन और विकासशील देशों में इसकी पहुँच सुनिश्चित करने के लिए एक वैश्विक ढाँचा तैयार करना है। इस समिट में अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ और जर्मनी जैसे प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं।

भारत इस मंच पर “समावेशी, जिम्मेदार और न्यायसंगत” AI के विकास पर जोर देगा। तकनीकी क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका और डिजिटल अर्थव्यवस्था को देखते हुए, यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है ताकि वह खुद को एक मजबूत AI शक्ति के रूप में स्थापित कर सके।

भारत-फ्रांस रक्षा, विज्ञान और नवाचार में सहयोग

भारत और फ्रांस के द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए यह यात्रा महत्त्वपूर्ण है। इस दौरान “भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी 2047” कार्य योजना की समीक्षा की जाएगी। इसके तहत, असैन्य परमाणु सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों देश छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMR) पर संयुक्त घोषणा कर सकते हैं। साथ ही, भारत-फ्रांस त्रिकोणीय विकास सहयोग पहल शुरू होने की संभावना है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और सतत विकास लक्ष्यों से संबंधित परियोजनाओं को लागू करना होगा।

दोनों देश वर्ष 2026 को “भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष” के रूप में मनाने की घोषणा करेंगे, जिसके तहत तकनीकी सहयोग और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती देने के लिए एक विशेष लोगो भी लॉन्च किया जाएगा।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों कैडारैचे का दौरा करेंगे, जो अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (ITER) का स्थल है। यह एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक परियोजना है, जिसमें भारत और फ्रांस सहित अन्य कई देश भागीदार हैं।

मार्सिले में भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन

मैक्रों और मोदी मार्सिले शहर का दौरा करेंगे और वहाँ एक भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे। यह केवल राजनयिक विस्तार का संकेत नहीं है, बल्कि यह व्यापार, निवेश और प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मार्सिले, भूमध्य सागर में स्थित सबमरीन इंटरनेट केबल हब का एक प्रमुख केंद्र है। भूमध्य सागर के केंद्र में स्थित होने के कारण यह यूरोप को अफ्रीका, पश्चिम एशिया और एशिया के बीच डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलता है। यह दुनिया के 99% डेटा ट्रैफिक (इंटरनेट और टेलीफोनी) को कंट्रोल करता है। इस स्थान पर भारतीय वाणिज्य दूतावास की स्थापना से भारत-फ्रांस व्यापारिक और रणनीतिक सहयोग को और मजबूती मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल समझौतों और घोषणाओं तक सीमित नहीं है। यह भारत और फ्रांस के बीच साझेदारी को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करने का अवसर है। जहाँ रक्षा और रणनीतिक सहयोग पहले से मजबूत है, वहीं तकनीक, नवाचार, व्यापार और कूटनीति के नए आयाम इस रिश्ते को और व्यापक बनाएंगे।

फ्रांस यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के दौरे पर जाएंगे, जहाँ उनकी मुलाकात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगी। ऐसे में यह यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण मानी जा रही है।


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