संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम (UPSC Mains Syllabus)

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मुख्य परीक्षा (UPSC Mains Syllabus) की वर्तमान प्रणाली इस प्रकार है-

संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा का पाठ्यक्रम (UPSC Mains Syllabus) बहुत विस्तृत और विभाजित है, जो निम्नलिखित हिस्सों में विभाजित होता है:

1. निबंध (Essay)

उम्मीदवारों को विभिन्न विषयों पर निबंध लिखना होता है, जिससे उनके विचारों को संगठित ढंग से प्रस्तुत करने और तर्कशक्ति को प्रदर्शित करने की क्षमता का मूल्यांकन किया जाता है।

2. सामान्य अध्ययन (General Studies)

मुख्य परीक्षा में चार सामान्य अध्ययन पत्र होते हैं:

प्रश्न पत्र-2सामान्य अध्ययन-I: भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल तथा समाज (Indian Heritage and Culture, World History and Geography and Society)।250 अंक
प्रश्न पत्र-3सामान्य अध्ययन-II: शासन व्यवस्था, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध (Governance, Constitution, Polity, Social Justice and International Relations)।250 अंक
प्रश्न पत्र-4सामान्य अध्ययन-III: प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन (Technology, economic development, biodiversity, environment, security and disaster management)।250 अंक
प्रश्न पत्र-5सामान्य अध्ययन-IV: नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा तथा अभिवृत्ति (Ethics, Integrity, and Aptitude)।250 अंक
सामान्य अध्ययन पाठ्यक्रम सारणी

3. वैकल्पिक विषय (Optional Subject)

उम्मीदवार एक वैकल्पिक विषय का चयन करते हैं, जो दो पेपर (वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-1 और वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-2) में बंटा होता है।

लोकप्रिय वैकल्पिक विषयों में इतिहास, भूगोल, समाजशास्त्र, लोक प्रशासन, हिंदी साहित्य आदि शामिल हैं।

4. भारतीय भाषा (Indian Language)

यह एक अनिवार्य पेपर है, जिसमें उम्मीदवार को संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध किसी एक भारतीय भाषा का ज्ञान प्रदर्शित करना होता है।

5. अंग्रेजी (English)

इस पेपर में उम्मीदवार की अंग्रेजी भाषा पर पकड़ और समझ का परीक्षण किया जाता है।

6. व्यक्तित्व परीक्षण (Interview)

मुख्य परीक्षा के बाद साक्षात्कार होता है, जिसमें उम्मीदवार के व्यक्तित्व, प्रशासनिक क्षमता और तर्कशक्ति का आकलन किया जाता है।

UPSC सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (UPSC Mains Syllabus) के सामान्य अध्ययन (General Studies) पेपर का पाठ्यक्रम प्रत्येक पेपर के लिए विस्तृत और विविधतापूर्ण है। यहाँ इसका थोड़ा विस्तृत विवरण दिया गया है:

☞ भारतीय संस्कृति:

  • इसमें प्राचीन से लेकर आधुनिक समय तक की भारतीय संस्कृति की प्रमुख विशेषताएं शामिल हैं, जैसे कला, वास्तुकला, साहित्य, और भारतीय इतिहास की प्रमुख घटनाएं।

☞ आधुनिक भारतीय इतिहास:

  • 8वीं सदी के मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।

☞ विश्व का इतिहास:

  • 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।

☞ भारतीय समाज:

  • इसमें भारत के समाजशास्त्र से जुड़े मुद्दे जैसे जाति व्यवस्था, धर्म, लैंगिक समानता, महिलाओं की स्थिति, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय
    • भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव शामिल हैं।
    • सामाजिक सशक्तीकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक एकजुटता जैसे प्रमुख सामाजिक मुद्दे।

☞ भूगोल:

  • विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिये ज़िम्मेदार कारक।
  • विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिये ज़िम्मेदार कारक।

☞ भारतीय संविधान:

  • ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
  • संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
  • विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान।
  • भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना

☞ शासन व्यवस्था:

  • संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
    • कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य
  • सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
    • जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ।
    • विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व।

☞ संवैधानिक और अर्द्ध-न्यायिक निकाय:

  • सांविधिक, विनियामक और अर्द्ध-न्यायिक निकायों की भूमिका।

☞ विकास और सरकारी नीतियाँ:

  • सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
  • विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।
  • केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
  • गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय।

☞ शासन व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही:

  • शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
  • लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।

☞ अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  • भारत एवं पड़ोसी देशों के संबंध।
  • द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
  • भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय।
  • महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।

☞ भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना:

  • भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचना, संसाधनों को जुटाने, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।
  • समावेशी विकास: समावेशी विकास की अवधारणा और इससे उत्पन्न चुनौतियाँ।
  • सरकारी बजट: बजट की संरचना और उससे जुड़े मुद्दे।

☞ कृषि और संबंधित मुद्दे:

  • देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न
  • सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली
  • कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ
  • पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।

☞ कृषि सहायता:

  • किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी।
  • प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय

☞  जन वितरण प्रणाली:

  • उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय

☞  खाद्य प्रसंस्करण:

  • भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग: इसकी महत्ता, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और चुनौतियाँ।
  • प्रौद्योगिकी मिशन

☞  भूमि सुधार:

  • भारत में भूमि सुधार से जुड़े मुद्दे।

☞ उदारीकरण और औद्योगिक विकास

  • उदारीकरण का प्रभाव: भारतीय अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण का प्रभाव और औद्योगिक नीति में बदलाव।
  • बुनियादी ढाँचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, हवाई अड्डे, और रेलवे आदि से संबंधित बुनियादी ढाँचे का विकास।
  • निवेश मॉडल: भारत में विभिन्न निवेश मॉडल और उनके प्रभाव।

☞ विज्ञान और प्रौद्योगिकी

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास, इसके अनुप्रयोग और इसका दैनिक जीवन पर प्रभाव।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ और देशज तकनीकी विकास।
  • नई तकनीक: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टेक्नोलॉजी, बायो-टेक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े मुद्दे।

☞ पर्यावरण और आपदा प्रबंधन

  • पर्यावरण संरक्षण: जैव विविधता का संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण।
  • पर्यावरण प्रभाव आकलन: पर्यावरणीय मुद्दों का आकलन और उनसे निपटने के उपाय।
  • आपदा प्रबंधन: आपदा प्रबंधन से जुड़े मुद्दे और सरकार की भूमिका।

☞ सुरक्षा चुनौतियाँ

  • विकास और उग्रवाद के बीच संबंध।
  • आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका।
  • संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका
  • साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें
  • धन-शोधन और इसे रोकना

☞ सीमा सुरक्षा और आतंकवाद

  • सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा से जुड़े मुद्दे और उनका प्रबंधन।
  • संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध और इनसे निपटने के उपाय।
  • विभिन्न सुरक्षा बलों और संस्थाएँ तथा उनकी भूमिका।

☞ नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध:

  • मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र, मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।

☞ अभिवृत्ति:

  • सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण।

☞ सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य:

  • सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना।

☞ भावनात्मक समझ:

  • अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग।
  • भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।

☞ लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र:

  • स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।

☞ शासन व्यवस्था में ईमानदारीः

  • लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
  • उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडीज़)

सिविल सेवा परीक्षा (प्रारंभिक) पाठ्यक्रम के लिये यहाँ Click करें

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