गैर संचारी रोगों की रोकथाम के लिये डिजिटल स्वास्थ्य हस्तक्षेप (Digital health interventions) हैं आवश्यक: WHO!

Digital Health interventions Key to Preventing Non-Communicable Diseases

हाल ही में गैर-संचारी रोगों पर डिजिटल स्वास्थ्य हस्तक्षेपों (Digital health interventions) के आकलन पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) ने मिलकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट का नाम Going Digital for Non-Communicable Diseases: The Case for Action (गैर-संचारी रोगों के लिए डिजिटल होना: कार्रवाई का मामला) है। इस रिपोर्ट को 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान गाम्बिया सरकार द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में लॉन्च किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल स्वास्थ्य हस्तक्षेपों में प्रति वर्ष प्रति मरीज मात्र $0.24 का निवेश दुनिया भर में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के लिए देखभाल प्रदान करने में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

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Going Digital for Non-Communicable Diseases: The Case for Action रिपोर्ट की मुख्य बातें

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा प्रकाशित Going Digital for Non-Communicable Diseases: The Case for Action रिपोर्ट में पाया गया है कि टेलीमेडिसिन, मोबाइल मैसेजिंग और चैटबॉट जैसे डिजिटल स्वास्थ्य उपकरण एनसीडी (गैर संचारी रोग) से 2 मिलियन से अधिक लोगों की जान बचा सकते हैं। इसके अनुसार ये निवेश अगले 10 वर्षों में लगभग 7 मिलियन लोगों को अस्पताल में भर्ती होने से भी रोक सकते हैं। इससे स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों पर दबाव काफी कम हो सकता है और अगले दशक तक में वैश्विक स्तर पर कुल 199.2 बिलियन डॉलर का आर्थिक लाभ हो सकता है।

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  Going Digital for Non-Communicable Diseases: The Case for Action रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल स्वास्थ्य निवेश के आर्थिक लाभ विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए है। चूंकि ऐसे देशों में औसत आवश्यक व्यय प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष काफी कम होगा। जैसे कि निम्न आय वाले देशों के लिए, लागत $0.12, उच्च मध्यम आय वाले देशों के लिए $0.16 और उच्च आय वाले देशों के लिए $0.67 खर्च का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट का कहना है कि कुल मिलाकर, इन हस्तक्षेपों के लिए आवश्यक वैश्विक व्यय 10 साल की अवधि में $9.8 बिलियन होगा।

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गैर संचारी रोगों के रोकथाम में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का प्रभाव: WHO Report

Going Digital for Non-Communicable Diseases: The Case for Action ने गैर संचारी रोगों के रोकथाम में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभाव पर भी प्रकाश डाला है। इसके अनुसार टेलीमेडिसिन सहित डिजिटल स्वास्थ्य हस्तक्षेपों ने गैर-संचारी रोगों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण सुधार प्रदर्शित किए हैं। उदाहरण के लिए, टेलीमेडिसिन ने उच्च रक्तचाप वाले रोगियों में रक्तचाप नियंत्रण में सुधार किया और टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह वाले व्यक्तियों में ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (HbA1c) के स्तर को विनियमित करने में मदद की।

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इसके साथ ही मोबाइल मैसेजिंग और चैटबॉट से तंबाकू छोड़ने की संभावना भी बढ़ी है। रिपोर्ट का कहना है कि हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह और पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे गैर-संचारी रोग सालाना वैश्विक मौतों का 74 प्रतिशत हिस्सा हैं। रिपोर्ट ने इन बीमारियों से निपटने में डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों के महत्व को भी रेखांकित किया है। इसके अनुसार डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी तब और ज्यादा प्रभावी हो जाते हैं जब गैर-संचारी रोगों से पीड़ित लोगों को निरंतर प्रबंधन और दीर्घकालिक देखभाल की आवश्यकता होती है। साथ ही रिपोर्ट में सेनेगल के एमरमजान अभियान और जाम्बिया की टेलीमेडिसिन पहल जैसे सफल केस स्टडीज पर भी प्रकाश डाला गया है। बता दें कि ये दोनों ही अभियान डब्ल्यूएचओ और आईटीयू द्वारा बी हेल्थी, बी मोबाइल कार्यक्रम का हिस्सा है। इसके द्वारा एनसीडी रोकथाम और प्रबंधन के लिए मोबाइल तकनीक का लाभ उठाया जाता है।

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डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी अपनाने में क्या है चुनौतियाँ?

Going Digital for Non-Communicable Diseases: The Case for Action रिपोर्ट में डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों को मुख्यधारा की स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में एकीकृत करने की चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला गया है। इसके अनुसार 60 प्रतिशत से अधिक देशों द्वारा डिजिटल स्वास्थ्य रणनीति विकसित करने के बावजूद, देश अभी भी बुनियादी ढांचे और अंतर-संचालन से संबंधित मुद्दों से जूझ रहे हैं।

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इसे दूर करने के लिये डब्ल्यूएचओ ने सरकारों से डिजिटल स्वास्थ्य के लाभों को अधिकतम करने के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में निवेश करने का आग्रह किया है। बता दें कि यह रिपोर्ट कार्रवाई के लिए एक ब्लूप्रिंट के रूप में कार्य करती है, जो डिजिटल स्वास्थ्य पर डब्ल्यूएचओ वैश्विक पहल और डिजिटल स्वास्थ्य 2020-2025 पर वैश्विक रणनीति का समर्थन करती है।


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