19 सितम्बर, 2024 को देश में सहकारिता आंदोलन को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने श्वेत क्रांति 2.0 की शुरुआत की। इसके साथ ही ‘सहकारी समितियों के बीच सहयोग’ अभियान के राष्ट्रव्यापी रोलआउट के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) और दो लाख नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के गठन और सुदृढ़ीकरण पर एक कार्य योजना का भी शुभारंभ किया।
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श्वेत क्रांति 2.0 के बारे में-
श्वेत क्रांति 2.0 के अंतर्गत डेयरी सहकारी समितियों द्वारा दूध खरीद के लक्ष्य को अगले पांच वर्षों में वर्तमान स्तर से 50% तक बढ़ाया जाएगा, जिसके लिए दूध खरीद से वंचित गांवों/पंचायतों में डेयरी किसानों को बाजार तक पहुंच प्रदान की जाएगी और दूध खरीद में संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाई जाएगी।
श्वेत क्रांति कार्यक्रम के चार प्रमुख केंद्रित क्षेत्र हैं-
- महिला किसानों को सशक्त बनाना
- स्थानीय दूध उत्पादन को बढ़ाना
- डेयरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना
- डेयरी निर्यात को बढ़ावा देना
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इन क्षेत्रों पर काम करने के लिये इस पहल में एक लाख नई/मौजूदा जिला सहकारी समितियों, बहुउद्देश्यीय जिला सहकारी समितियों और एम-पैक्स की स्थापना और उन्हें मजबूत करना भी शामिल है। साथ ही एएमसीयू (स्वचालित दूध संग्रह इकाई), डीपीएमसीयू (डेटा प्रोसेसिंग दूध संग्रह इकाइयां), परीक्षण उपकरण, बल्क मिल्क कूलर आदि जैसे सक्षम बुनियादी ढांचे प्रदान करना भी कार्यक्रम का प्रमुख पहलू है।
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इससे संपूर्ण दूध मूल्य श्रृंखला मजबूत होगी। वहीं क्षेत्र को विकसित करने और घरेलू मांग को पूरा करने के लिए दूध उत्पादन बढ़ाने और निर्यात क्षमता का दोहन करने में भी मदद मिलेगी। बता दें कि इस पहल को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा अपने स्वयं के संसाधनों से 1,000 एम-पैक्स को 40,000 रुपये प्रति एम-पैक्स की सहायता प्रदान करके और बाद में पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) की प्रस्तावित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम 2.0 योजना से वित्त पोषित किया जाएगा। साथ ही इसके लिये मंत्रालय ने बजट सहायता की भी घोषणा की है।
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वहीं सहकारी समितियों के बीच सहयोग’ पहल के तीन प्रमुख घटक हैं, जिसमें डेयरी किसानों को रुपे-किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण, डेयरी सहकारी समितियों को माइक्रो-एटीएम का वितरण और सहकारी समितियों और उनके सदस्यों के लिए सहकारी बैंकों में खाते खोलना शामिल है। बता दें कि गुजरात के पंचमहल और बनासकांठा जिलों में पायलट परियोजनाओं में प्राप्त अनुभवों के आधार पर इसकी एसओपी को अंतिम रूप दिया गया है।
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