मिशन मौसम (Mission Mausam)

Mission Mausam UPSC

मंत्रालय- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
कब से कब तक लागू- इस मिशन को वर्ष 2024-26 के दौरान लागू किया जाएगा
उद्देश्य- भारत को ‘मौसम के लिए तैयार’ और ‘जलवायु स्मार्ट’ बनाना
लक्ष्य- मिशन का लक्ष्य 50 डॉपलर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर), 60 रेडियो सोंडे/रेडियो विंड (आरएस/आरडब्ल्यू) स्टेशन, 100 डिस्ड्रोमीटर, 10 विंड प्रोफाइलर, 25 रेडियोमीटर, 1 शहरी परीक्षण केंद्र, 1 प्रक्रिया परीक्षण केंद्र, 1 महासागर अनुसंधान स्टेशन और ऊपरी वायु अवलोकन के साथ 10 समुद्री स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित करना

हाल ही में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा मिशन मौसम लॉन्च किया गया है। इसके लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 सितंबर, 2024 को दो वर्षों में 2,000 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय की घोषणा की है। यह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है।
प्रस्तावित “मिशन मौसम” के उद्देश्यों में शामिल हैं:

  • अत्याधुनिक मौसम निगरानी तकनीक और प्रणालियाँ विकसित करना
  • बेहतर टेम्पोरल और स्थानिक नमूनाकरण/कवरेज के साथ उच्च रिज़ॉल्यूशन वायुमंडलीय अवलोकन को लागू करना
  • अगली पीढ़ी के रडार और उन्नत उपकरण पेलोड वाले उपग्रहों को लागू करना
  • उच्च प्रदर्शन कंप्यूटर (एचपीसी) को कार्यान्वित करना।
  • मौसम और जलवायु प्रक्रियाओं और भविष्यवाणी क्षमताओं की समझ में सुधार
  • उन्नत पृथ्वी प्रणाली मॉडल और डेटा-संचालित विधियाँ विकसित करना (AI/ML का उपयोग)
  • मौसम प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास करना
  • अंतिम मील कनेक्टिविटी के लिए अत्याधुनिक प्रसार प्रणाली विकसित करना
  • क्षमता निर्माण

कुल मिलाकर कहा जाए तो इस मिशन का उद्देश्य देश के मौसम और जलवायु अवलोकन, समझ, मॉडलिंग और पूर्वानुमान को तेजी से बढ़ाना है, जिससे बेहतर, अधिक उपयोगी, सटीक और समय पर सेवाएँ मिल सकें।

बता दें कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तीन संस्थान: आईएमडी, एनसीएमआरडब्ल्यूएफ और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, मुख्य रूप से मिशन मौसम को लागू करेंगे। इन संस्थानों को अन्य पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय संस्थानों (भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान) के साथ-साथ सहयोगी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों, शिक्षाविदों और उद्योगों द्वारा समर्थन दिया जाएगा, जिससे मौसम और जलवायु विज्ञान और सेवाओं में भारत के नेतृत्व को बढ़ावा मिलेगा।


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